Sunday, 12 April 2009

ताकत जूते की


आज एक प्रेस वार्ता में गया था, राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री उस प्रेस वार्ता को संबोधित करने वाले थे, मुख्‍यमंत्री ने देर की तो वहां चर्चा चल रही थी जूतों की, ये चर्चा पत्रकारों के जूतों को लेकर थी, जो इन दिनों प्रेस कांफ्रेंस में कुछ ज्‍यादा ही धमाल मचा रहे हैं, प्रेस वार्ता में एक वरिष्‍ठ पत्रकार ने कहा ध्‍यान रखना भई आजकल पत्रकारों के जूते खतरनाक हो गए है, कुछ देर बाद सीआईडी के लोग आ गए, वे ऐसे जूतों पर नजर दौडा रहे थे जो पुराने और बिना लेस के हो, एक ने पूछा भई क्‍या खास है तो सीआईडी के लोग बोले सतर्क रहने में क्‍या बुराई है, वरना जूता उतारने में कितनी देर लगती है, बिना लेस का जूता होगा तो जल्‍दी खुलेगा और लेस वाले में देर रहेगी और फैंकने वाला कम से कम नया जूता तो पहनकर नहीं आएगा, इतने में प्रेस वार्ता को संबो‍धित करने मुख्‍यमंत्री आ गए, प्रेस वार्ता के बाद जैसे ही मुख्‍यमंत्री उठे एक गैर पत्रकार ने सवाल कर लिया साहब आजकल प्रेस कांफ्रेंस में जूते खूब चल रहे हैं तो मुख्‍यमंत्री ने यह कहते हुए चुटकी ली कि यहां तो एसा नहीं है,
जरनैल सिंह का जूता बहुत भारी पड़ा, यह नेताओं के चुनाव मार्ग में बाधा बन गया, इससे पूर्व अमरीकी राष्‍टपति जॉर्ज बुश पर एक इराकी पत्रकार ने जूता फैंक कर दुनिया भर में तहलका मचा दिया था, इसलिए जूते के कुछ ज्‍यादा ही मोल हो गए है,

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